Monday 26 September 2011

माँ

माँ
तू सरिता है करुणा दया की
तू आकाश है स्नेह की

गंगा जमुना सा पावन मन लिए
तू समंदर है ममता की

थके क़दमों का सहारा है तू
मेरी बहती जिंदगी का किनारा है तू

गम के थपेड़ों में
बहकते  क़दमों को सम्हालने वाली
मजबूत आँचल का किनारा है तू

आवारा बादल सा घूमता
थिरकता, नाचता, झूमता
निर्बाध  "ख " सा मन मेरा

इस बेलगाम मन की
खूबसूरत सी लगाम है तू

माँ सुंदरता की अनुपम
मिसाल है तू  

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