अश्रु केर दोष कोन
छलकि-छलकि जायत छैथ....
भावनाक उन्मादे
बहकि-बहकि जैत छैथ ....
कमल पो़र नयनों केर
मोन पडे जे अतीत
सुखक-दुखक छेड़छाड़
ढलकि ढलकि जैत छैथ....
अश्रु केर दोष कोन
ढलकि ढलकि जैत छैथ ....
हृदय सखे मथनी ओ
जाहि बीच कयल कर्म
नीक -बेजै नापि-तोलि
माथि क बहराइत छैथ
ताहि बीच नयन नीर
बहकि -बहकि जैत छैथ .....
अश्रु केर दोष कोन
छलकि -छलकि जैत छैथ ....
छलकि-छलकि जायत छैथ....
भावनाक उन्मादे
बहकि-बहकि जैत छैथ ....
कमल पो़र नयनों केर
मोन पडे जे अतीत
सुखक-दुखक छेड़छाड़
ढलकि ढलकि जैत छैथ....
अश्रु केर दोष कोन
ढलकि ढलकि जैत छैथ ....
हृदय सखे मथनी ओ
जाहि बीच कयल कर्म
नीक -बेजै नापि-तोलि
माथि क बहराइत छैथ
ताहि बीच नयन नीर
बहकि -बहकि जैत छैथ .....
अश्रु केर दोष कोन
छलकि -छलकि जैत छैथ ....
Wah didi bahut sunder
ReplyDelete